संजय चौहान, वरिष्ठ लेखक पत्रकार
पहाड के लोकसंस्कृति के ध्वजावाहक और संरक्षक डा. डीआर पुरोहित को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित होने पर बहुत बहुत बधाई। प्रो डी आर पुरोहित को लोकसंगीत और थियेटर के क्षेत्र में वर्ष 2021 का प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया जायेगा।
गौरतलब है कि लोकसंस्कृति के भगीरथ डाॅ दाताराम पुरोहित नें लोक में बिलुप्ती की कगार पर पहुचं चुकी लोकसंस्कृति को विद्यार्थी के रूप में संजो कर इन्हें पूरे विश्व में पहचान दिलाई। रामकथाओं में सबसे प्राचीन भल्दा परंपरा की मुखौटा शैली- रम्माण से लेकर केदार घाटी का प्रसिद्ध चक्रव्यूह मंचन, नंदा देवी के पौराणिक लोकजागर, पांडवाणी, बगडवाली, शैलनट, रंगमंच, ढोल वादन, ढोली तक के संरक्षण और संवर्धन हेतु उनके द्वारा जो योगदान दिया गया वह यहाँ की लोकसंस्कृति के लिए किसी अमूल्यनिधि से कम नहीं है। पूरा पहाड़, लोक के लिए किये गये उनके भगीरथ प्रयासों का ऋण कभी भी चुका नहीं सकता।
लोकसंस्कृति के पुरोधा डा. डीआर पुरोहित को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार हेतु चयनित होने पर हमारी ओर से ढेरों बधाइयाँ। आपका सम्मान, सम्मान का भी सम्मान है। आशा और उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में भी आपको हर रोज ऐसे ही अनगिनत सम्मान मिलते रहें।