केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में ऐश्वर्या रावत के चचेरे भाई को हरीश रावत के साथ फोटो खिंचवाना पड़ा भारी रावत को किया गया निलंबित शिक्षक संगठन नाराज
रूद्रप्रयाग: केदारनाथ उप चुनाव में एक अजीब सा मामला सामने आया है विकास खंड अगस्तमुनि के जीआईसी कंडारा के माध्यामिक विद्यालय में सेवारत अध्यापक भानु प्रताप सिंह रावत पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई की गई यह कार्रवाई अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल पौड़ी डॉ. एसबी जोशी ने उक्त शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय रुद्रप्रयाग संबद्ध किया है। जनपद रुद्रप्रयाग के केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव चल रहा है आपको बता दें कि जो अध्यापक को निलंबित किया गया है वह अध्यापक पूर्व दिवंगत विधायक शैलारानी रावत के देवर यानि ऐश्वर्या रावत का चचेरा भाई है। विगत दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शैलारानी रावत के घर पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो भानु प्रताप सिंह रावत ने भी हरीश रावत के साथ फोटो खिंचवाई सूत्रों की माने तो भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल गुट ने इसकी शिकायत की जिससे भानु प्रताप सिंह रावत को निलंबित किया गया अब भानु प्रताप सिंह रावत का निलंबन ने केदारनाथ उप चुनाव में बड़ा रुप ले लिया और रावत के निलंबन के बाद तमाम शिक्षक संगठन, कर्मचारी संघ भाजपा से नाराज हो गए हैं, ठीक चुनाव के पहले सरकारी कर्मचारियों की नाराज़गी भाजपा को भारी पड़ सकती है, वहीं अशासकीय माध्यमिक शिक्षा संघ के गढ़वाल मंडली अध्यक्ष शिव सिंह रावत ने कहा कि ये सरकार का तुगलकी फरमान है यदि भानु प्रताप सिंह रावत का निलंबन का आदेश वापस नहीं लिया गया तो सारे शिक्षक संगठन मिलकर केदारनाथ में भाजपा के विरोध कार्य किया जायेगा और प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। साथ हीं कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं के साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, अर्जुन सिंह गहरवार कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ने भी शिक्षक भानु प्रताप सिंह रावत के निलंबन पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार की ओछी राजनीति करार दिया ।अब इस निलंबन को लेकर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अपने फेसबुक पर लंबी चोड़ी पोस्ट लिखी।
हरीश रावत की फेसबुक वॉल से
#राजनीति क्या इतनी नीचे तक गिर सकती है या गिरनी चाहिए? क्या मैं इतना न छूने लायक हो गया हूं कि कोई व्यक्ति किसी संवेदना प्रकट करने के लिए गए स्थल पर मेरे साथ फोटो फ्रेम में आ जाए तो उसको अपनी राजकीय सेवाओं से हाथ धोना पड़ेगा। श्रीमती #शैलारानी जी का केदारनाथ कर्म क्षेत्र था, वह दिवंगत हो गई। मैंने टेलीफोन कर उनके पति देव और उनकी पुत्री, दोनों से सांत्वना प्रकट की। क्योंकि हम अलग-अलग राजनीतिक दलों में थे। मैं उस समय दिल्ली में था सूचना मिलने में देरी हो गई तो मैं एकाध बार उनके आवास देहरादून पर जाना चाहता था, वहां उस दिन उनकी पुत्री #ऐश्वर्या, जो उनकी एकमात्र संतान है वह उपलब्ध नहीं थी। जब मैं यहां चुनाव प्रचार के लिए आया केदारनाथ क्षेत्र में तो यह बात खटकी कि मुझे ऐश्वर्या जी के निवास पर जाना चाहिए, शैला जी के निवास पर अगस्त्यमुनि में जाना चाहिए और मैं उनके आवास पर गया। विशुद्ध रूप से पुष्प चढ़ाने के लिए गया और वहां जो उन्हीं के पारिवारिक जन मुझे यह भी मालूम नहीं था कि कोई उसमें कहीं शिक्षक भी है वह लोग भी थे तो उन्होंने मेरे साथ श्रद्धांजलि के बाद एक फोटो खींचवा ली और वह फोटो वायरल हो गई।
अब मुझे पता चला है कि उस व्यक्ति को जो शैलारानी जी का रिश्तेदार था उसको केवल मेरे फोटो में आने के कारण दंडित कर दिया गया है और उन्हें शिक्षा विभाग पौड़ी द्वारा निलंबित कर दिया गया है। #शिक्षा_विभाग और प्रशासन निष्पक्षता का उच्चतम् उदाहरण प्रस्तुत किया जा रहा है। मैं संवेदना के लिए घर जा रहा हूं, कोई राजनीतिक बात नहीं है। लेकिन जो मेरे साथ खड़े हैं, कैसे उनको दंडित किया जाए उसका रास्ता ढूंढा जा रहा है? और दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने अधिकारिक रूप पर चुनाव आयोग को शिकायत की है कि केदारनाथ क्षेत्र में सरकारी मशीनरी का खुलकर के दुरुपयोग किया जा रहा है। राज्य के स्टेट ऑफिस की गाड़ियां जगह-जगह खड़ी हैं। मुझे मालूम है उनमें धन और शराब पहुंचाई जा रही है। बांटने वाले कौन हैं कोई बताने की आवश्यकता नहीं है तो “हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम और सत्ता यदि कत्ल भी कर देती है तो कहते हैं चर्चा न कर”।।