शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट आज शाम 6:45 बजे विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद अगले छह माह तक भगवान बदरीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी। इस मौके के लिए बद्री विशाल के मंदिर का शृंगार 20 क्विंटल फूलों से किया गया है और चार धाम यात्रा के अंतिम दिन दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. चारों धामों में बद्रीनाथ ही इकलौता धाम है, जहां कपाट बंद होने का कार्यक्रम 4 दिन पहले से शुरू हो जाता है. आदिकेदारेश्वर के कपाट बीते मंगलवार को बंद होने के बाद से लगातार विधि विधान चल रहा है. शनिवार की शाम 4 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी और शाम 6:45 बजे संपन्न हो जाएगी. बद्री विशाल से उद्धव, कुबेर पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगे. वहीं, शीतकाल के लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजित कर दिया जाएगा. और शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ के लिए रवाना हो जाएगी.