ऋषिकेश से नीरज गोयल की रिपोर्ट
ऋषिकेश एम्स में तैनात अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की टीम ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि ऋषिकेश एम्स मैं तैनात अधिकारियों और संबंधित कंपनी के द्वारा लगातार करोड़ों रुपए के घोटाले की शिकायत मिल रही थी। स्थानीय समाज सेवक द्वारा जब ऋषिकेश एम्स के बारे में सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी गई तो पता चला कि ऋषिकेश एम्स में दवाई के नाम पर काफी घपले किए गए हैं करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ दवाई मंगाने के लिए जो ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल का ब्यौरा दिया गया उसमें बात खुलकर आई कि इस केस एम्स में दवाइयों की डिलीवरी पानी के जहाज के द्वारा की गई वही जो नंबर गाड़ियों के दिए गए वह स्कूटी के निकले और अन्य घोटालों के बारे में भी पता चला जिसके बाद ऋषिकेश एम्स के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई भारत सरकार द्वारा इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को दी गई ,छापेमारी के दौरान पाया गया कि करोड़ों रुपए का घोटाला ऋषिकेश एम्स में हुआ है।केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोक सेवकों ने निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन कर, फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की बेईमानी से जांच की और उन महत्वहीन फर्मों को अनुमति दी, है जिन्होंने अपने निविदा दस्तावेजों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने इन निविदाओं में कार्टेल गठन के अस्तित्व को जानबूझकर नजरअंदाज किया। इसके बाद आरोपी ने कथित तौर पर अपराध के महत्वपूर्ण सबूतों को गायब कर दिया। रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ रुपये (लगभग) और केमिस्ट शॉप की स्थापना के लिए टेंडर में 2 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित नुकसान एम्स को हुआ।दोनों मामलों में आज उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित 24 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। समाचार भेजे जाने तक सीबीआई की छापेमारी जारी है।