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विश्लेषण-चौकाने वाले रहेंगे केदारनाथ और रुद्रप्रयाग के नतीजे, राजनीतिक विश्लेषक की यह है राय

रुद्रप्रयाग विधानसभा के चुनाव नतीजों पर विश्लेषकों की एक राय



अमित गिरि गोस्वामी,रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे इस बार चैकाने वाले रहेंगे। इस बार कोई भी गणितज्ञ चुनाव नतीजों में सटीक जवाब नहीं दे पा रहा है जबकि राजनीतिक विश्लेषक भी चुप्पी साधे हुए हैं ऐसे में नतीजों को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई हैं बता दें कि उत्तराखण्ड में 14 फरवरी को पांचवें विधानसभा चुनाव संपंन हुए हैं जिनका नतीजा 10 मार्च को आयेगा मगर इस बार के चुनावों ने सभी को हैरान कर दिया है कहीं से भी चुनाव नतीजों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कोई भाजपा तो कोई कांग्रेस की सरकार आने का दावा कर रहा है लेकिन सटीक जवाब किसी का नहीं मिल पा रहा है जिससे ये अनुमान लगाया जा सके कि कौन सी पार्टी आगामी दस मार्च को सरकार बनाने जा रही है रुद्रप्रयाग जिले में दो विधानसभा सीटें हैं जिनमें केदारनाथ और रुद्रप्रयाग शामिल हैं इन दोनों ही सीटों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है राजनीतिक विश्लेषक और गणितज्ञ दोनों ही विधानसभा सीटों को लेकर सटीक जवाब नहीं दे रहे हैं ऐसा पहली बार हो रहा है जब इस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है राजनीतिक विश्लेषक श्याम लाल सुंदरियाल, जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष बृजेश भट्ट एवं युवा पत्रकार विनय बहुगुणा का कहना है कि इस बार के चुनाव में जनता ने मोदी के नाम पर वोट किया है भाजपा प्रत्याशियों के काम-काजों से जनता संतुष्ट नहीं थी लेकिन आखिरी दिनों में मोदी मैजिक काम तो किया मगर कितना काम किया यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है ऐसे में दोनों ही सीटों पर स्थिति गंभीर बनी हुई है उन्होंने बताया कि केदारनाथ विधानसभा में मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय बना हुआ है यहां साफ तौर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ था निर्दलीय कुलदीप रावत सात सालों से जनता के बीच में हैं और वे लगातार जनता के कार्य कर रहे हैं ऐसे में जनता का आशीर्वाद इस बार उन्हें मिल सकता है जबकि रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर भाजपा कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी एवं उक्रांद युवा प्रत्याशी मोहित डिमरी के बीच कांटे का मुकाबला बना हुआ था निर्दलीय कंडारी और UKD के मोहित कितने वोट खींचने में सफल हो पाए यह साफ नजर नहीं आ रहा है जिस कारण यहां भी स्थिति पेचीदा बनी हुई है !

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