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आखिर क्यों कतरा रहे सताधारी पार्टी के नेता बागंर क्षेत्र मे जाने से -क्यों नही दे रहे जनता के आन्दोलन को समर्थन

रामरतन सिह पंवार/जखोली

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जखोली’-बागंर क्षेत्र की जनता द्वारा बधाणी-छेणागाड़ मोटर मार्ग के निर्माण करने के लिए जो आन्दोलन किया जा रहा है वो आन्दोलन अगर रंग लाता है तो ये सम्पूर्ण विकासखंड जखोली के लिए एक एतिहासिक कार्य होगा।
लेकिन सबसे बड़ा दुर्भाग्य जखोली का ये है कि राजनिति के नाम पर यहाँ बड़े बड़े नेता चुनाव के समय भोली भाली जनता को बेवकूफी का चोला पहनाकर फकीरों की तरह अपना चोला फैलाकर वोट माँगने आते है और जनता को विकास के नाम पर लोक लुहावने सपने दिखाकर अपना उल्लू सीधा करके चले जाते है

आपको यह भी अवगत करा दे कि जब उतरखंड को अलग राज्य बनाने की बात चल रही थी तो सर्वप्रथम जखोली से है उतराखंड को पृथक करने की माँग को लेकर आन्दोलन शूरु हुआ था लेकिन बिडम्बना इस बात की है कि जब बागंर पट्टी के ग्रामीणों द्वारा अपनी माँगो के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चार दिन बैठे है तो फिर ऐसी विपरीत परिस्थितियों मे अपने को उतराखंड आन्दोलनकारी कहने वाले क्रान्तिबीर आखिर कहाँ छुप गये, क्या उन आन्दोलनकारियो फर्ज नही बनता था बागंर क्षेत्र मे जाकर वहाँ के ग्रामीणों की मदद करना,

आखिर ये आन्दोलन किसी व्यक्ति विशेष का नही है नाही किसी पार्टी विशेष का ये तो जनता का आन्दोलन है तो फिर इस आन्दोलन को लेकर राजनीति क्यों।जो लोग क्षेत्र हित की जंग लड़ रहे है आखिर उन लोगो को सताधारी पार्टी के नेता क्यो तिरछी नजर से देख रहे, यहाँ कि आंदोलन को चार दिन गुजर जाने बाद भी क्षेत्रीय विधायक का धरना स्थल पर न जाना लोगो के मन में अनगिनत सवाल भी पैदा हो रहे, एक दृष्टि से देखा जाय तो बधाणी से छेणागाड़ मोटर मार्ग का निर्माण करवाये जाना सरकार के लिए अतिआवश्यक है क्योंकि यह मोटर मार्ग भविष्य मे पर्यटन, तीर्थाटन एवं स्वरोजगार को बढावा देने के साथ साथ पलायन रोकने का भी काम करेगा,

अपितु इस मोटर मार्ग के बनने से केदारनाथ के लिए यात्रा और भी सुगम हो जायेगी यहां तक कि केदारनाथ जाने के लिए 25 किलोमीटर की दूरी कम हो जायेगी साथ ही साथ तीर्थयात्रियों को बागंर पट्टी शंकराचार्य जी द्वारा मे स्थापित दुग्ध गंग के निकट स्थित भगवान वासुदेव की यात्रा का भी सौभाग्य मिलेगा तथा रुद्रप्रयाग जनपद के प्रमुख पर्यटन स्थलो मे से एक खूबसूरत प्रकृति की सुन्दर वादियों मे स्थित बधाणीताल की अनुपम छठा एवं सुन्दरता को निहारने व स्वरोजगार को बढावा भी मिलेगा

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