अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हों लेकिन पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव की वजह से आज पूरे देश की जनता पेट्रोल, डीजल के दामों को लेकर राहत में हैं। कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होने बावजूद तेल कंपनियों ने 90 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। लेकिन बजट 2022 में आम आदमी को राहत नहीं मिली है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है कि एक अक्टूबर 2022 से बिना ‘मिलावट’ वाले ईंधनों पर 2 रुपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगेगा। इस लिहास से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2022-23 में बिना मिश्रण वाले ईंधनों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने का कदम पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ा सकता है। यानी जो एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर अभी 27.90 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से वसूली जाती है, वो बढ़कर 29.90 रुपए हो जाएगी। इसी तरह, डीजल पर ड्यूटी 21.80 रुपए से बढ़कर 23.80 रुपए हो जाएगी।
फ्यूल में इथेनॉल या बायोडीजल के मिश्रण को बढ़ावा क्यों?
बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल ब्लेंडिंग को बढ़ावा दे रही है। ब्लेंडेड फ्यूल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है। अभी जो हम सादा पेट्रोल-डीजल इस्तेमाल कर रहे हैं, वो नॉन ब्लेंडेड होता है। इधर, एक्स्ट्रा प्रीमियम और स्पीड जैसे पेट्रोल-डीजल ब्लेंडेड रहते हैं। ऐसे में ईंधन में ब्लेंडिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। अभी कुल बिकने वाले पेट्रोल-डीजल में लगभग 50% नॉन ब्लेंडिंग वाला है.
हालांकि पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर सरकार ने अभी कुछ साफ नहीं किया है। ऐसे में इससे फ्यूल कितना महंगा होगा या महंगा होगा भी या नहीं, इसको लेकर अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से लगाने का फैसला किया है। ऐसे में सरकार इसको लेकर जब अपना रोड मैप या प्लान बताएगी, तब ही कीमतों को लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी।
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में पांच और डीजल पर 10 रुपये घटाने का फैसला किया था जिसके बाद 4 नवंबर 2021 को ईंधन की कीमतों में तेजी से कमी आई थी। इसके बाद राज्य सरकार के मूल्य वर्धित कर (वैट) कम करने के फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में भी वैट को कम करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद राजधानी में 02 दिसंबर 2021 को पेट्रोल लगभग आठ रुपये सस्ता हुआ था। डीजल की भी कीमतें हालांकि जस की तस बनी रहीं।