तुर्की देश विश्व में अब तुर्किये (Türkiye) नाम से जाना जाएगा। तुर्की का नाम बदलने को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने मंजूरी दे दी है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवतुल कावुसिग्लू ने संयुक्त महासचिव एंटोनियो गुटेरे को चिट्ठी लिखकर तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये करने का अनुरोध किया था। तुर्की की इस मांग को संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार कर लिया है।
तुर्की से तुर्किये क्यों?
दरअसल, 1923 में आजाद होने के बाद से ही तुर्की के नागरिक अपने देश को तुर्की बोलने की बजाय तुर्किये बोलते आ रहे हैं। क्योंकि वहां कि स्थानीय भाषा में तुर्की को नेगेटिव माना जाता है। यही वजह है कि तुर्की का नाम बदलकर अब तुर्किये कर दिया गया है। तुर्की की सरकार लंबे समय से आधिकारिक तौर पर तुर्की को तुर्किये करने की कोशिश कर रही थी। इस कोशिश में तुर्की की सरकार ने पिछले सरकार से ही अपने देश का नाम तुर्की लिखना बंद कर दिया था। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने आदेश दिया था कि अब से तुर्की की जगह तुर्किये लिखा जाए। इसके बाद से तुर्की से निर्यात होने वाले सामानों पर भी मेड इन तुर्की की जगह मेड इन तुर्किये लिखा जाने लगा था। टूरिज्म प्रमोशन में भी तुर्की की जगह हेलो तुर्किये लिखा जाने लगा था। तुर्की सरकार अपने देश के नाम तुर्किये को दुनिया में ब्रांड के तौर पर स्थापित करना चाहती है। इसलिए तुर्की नाम बदलकर तुर्किये करने पर जोर दे रही थी, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है।