राष्ट्रपति का चुनाव भारत के लिए हमेशा ही महत्वपूर्ण चुनाव रहता है। क्योंकि वो देश का प्रथम नागरिक भो होता है। तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल बहुत जल्द ख़त्म होने वाला है। मौजूदा सरकार ने देश के अगले राष्ट्रपति की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को बनाया है। राष्ट्रपति के लिए नाम मनोनीत करने के बाद उनके बारे में लगभग हर कोई जानना चाहता है कि द्रौपदी मुर्मू कौन हैं। ऐसे में अगर आप भी आगामी राष्ट्रपति की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बार में जानना चाहते हैं तो फिर आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए। आइए उनके बारे में जानते हैं।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं। द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से की हैं। उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से कला में स्नातक किया। द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था।
हालांकि, पति के निधन के बाद वो अपनी बेटी इतिश्री मुर्मू के साथ रहती हैं। आदिवासी परिवार में जन्म होने के चलते द्रौपदी मुर्मू का जीवन बेहद ही संघर्ष भरा रहा है। पिछड़ी जगह से आने वाली द्रौपदी मुर्मू गरीबी से भी बहुत परेशान रही हैं।
स्नातक करने के बाद उन्होंने ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में एक सहायक के रूप में करियर शुरू किया था।
शादी के कुछ समय बाद ही द्रौपदी मुर्मू ने अपने पति और दोनों बेटों को खो दिया था। अपनी बेटी इति मुर्मू को पढ़ाने के लिए इन्होंने एक टीचर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में ओडिशा के सिंचाई विभाग में जूनियर असिस्टेंट के पद पर भी काम किया। जूनियर असिस्टेंट के पद पर काम करते हुए ही द्रौपदी मुर्मू राइरंगपुर की काउन्सलर बनीं। इसके बाद द्रौपदी मुर्मू ने पीछे पलटकर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ती चली गईं। 2015 में इन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। द्रौपदी मुर्मू ने 2021 तक झारखंड की राज्यपाल के रूप में काम किया है।
द्रौपदी मुर्मू का परिवार
द्रौपदी मुर्मू की फैमिली में उनकी बेटी इति मुर्मू हैं, जिन्हें द्रौपदी मुर्मू ने अपनी नौकरी से मिलने वाली सैलरी से पढ़ाया और बड़ा किया। बेटी इति ने भी अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद बैंक में नौकरी करने लगी। इस समय इति मुर्मू झारखंड के कैपिटल रांची में रहती हैं। इति मुर्मू की शादी भी हो चुकी है और इनके पति का नाम गणेश हेमब्रम है। द्रौपदी मुर्मू नानी बन चुकी हैं और इनकी नातिन का नाम आद्याश्री है।
आदिवासी परिवार से आने वाली द्रौपदी मुर्मू राज्यपाल होने के बावजूद जमीन से जुड़ी हुई हैं जिन्होंने गरीबों के लिए बहुत काम किया है। इसका सबूत यह है कि उन्हें मयूरभंज जिला के राइरंगपुर टाउनशिप में एक मंदिर की सफाई करते हुए भी देखकर देखा गया। बताया जाता है कि द्रौपदी मुर्मू राइयांगपुर के तीन मंदिरों में सुबह-सुबह पहुंचीं। मंदिर में प्रार्थना करने से पहले ही उन्होंने पूर्णनदेश्वर शिव मंदिर में झाड़ू लगाकर सफाई भी की।