भारत सरकार ने सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया। इसके तहत, चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती होगी। इस सैनिकों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में नई योजना को मंजूरी मिल जाने के थोड़ी देर बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया के समक्ष इसका ऐलान किया।सिंह ने कहा, ‘अग्निपथ भर्ती योजना एक क्रांतिकारी पहल है जो सशस्त्र बलों को एक युवा ‘प्रोफाइल’ पहचान करेगी।’ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है।’ भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव से सैनिकों की भर्ती शुरू में चार साल की अवधि के लिए होगी, लेकिन उनमें से कुछ को बरकरार रखा जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘अग्निपथ योजना के तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीर’ के रूप में सेवा देने का अवसर प्रदान किया जाएगा।’ नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए व्यापक प्रतिभा संचय सुनिश्चित करेगी।
जो एग्जाम दे चुके, उनका क्या होगा?
इससे पहले होने वाले वह सभी भर्ती इम्तिहान जिनके परिणाम लंबित हैं उन्हें अब रद्द माना जाएगा अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से अब सेना, वायु सेना और नौसेना में होने वाली सभी भर्तियां नए सिरे से होंगी।
‘अग्निपथ’ योजना, जिसे पहले ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम दिया गया था, का आरंभ तीनों सेनाओं के प्रमुखों की उपस्थिति में किया गया। पिछले दो साल में इस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद नई योजना की घोषणा की गई। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। वर्तमान में सेना 10 साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ के तहत युवाओं की भर्ती करती है, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
नई योजना का उद्देश्य तीनों सेवाओं के वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है, जो तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2022-23 के लिए 5,25,166 करोड़ रुपये के रक्षा बजट में रक्षा पेंशन के लिए 1,19,696 करोड़ रुपये शामिल हैं। राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। राजस्व व्यय में वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव पर खर्च शामिल है।